Simple Pendulum in hindi-हेलो दोस्तों नमस्कार आज इस article मे ” सरल लोलक क्या है, परिभाषा, गति, नियम, सूत्र, सिद्धांत (Simple Pendulum in hindi)” के बारे में जानेंगे. अगर आप विज्ञान के छात्र हैं तो आपके मन में यह सवाल कभी ना कभी जरूर आया होगा. दोस्तों इस आर्टिकल में हम सरल लोलक परिभाषा, सूत्र और उदाहरण के साथ सभी चीजों को समझेंगे. आर्टिकल के अंत में हमने आपके लिए FAQ सेक्शन रखा है. जिसमें महत्वपूर्ण सवालों के संक्षेप में जवाब दिए जाएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं.
सरल लोलक (Simple Pendulum in hindi )
“आदर्श लोलक के गुणों के निकटतम गुण वाला लोलक सरल लोलक (simple pendulum) कहा जाता है। “
यदि किसी पूर्णत: लचीले (perfectly flexible), लंबे, पतले, भाररहित और अवितान्य (inextensible) धागे से एक भारी कण लटका दिया जाए तथा कण धागे से लटककर उस घर्षणरहित दोलन करे, तो उसे आदर्श लोलक (ideal pendulum) कहते हैं। परंतु, व्यवहार में न तो इस प्रकार का कोई धागा हो सकता है और न ही कोई कण । अतः, आदर्श लोलक के गुणों के निकटतम गुण वाला लोलक सरल लोलक (simple pendulum) कहा जाता है।
कण के बदले धातु की एक भारी गोली [जिसे गोलक (bob) कहते हैं। ली जाती है तथा उसे लंबे और मजबूत धागे से एक दृढ़ आधार से लटकाया जाता है जो सरल लोलक के आदर्श गुणों से अधिक भिन्न नहीं होता।
दृढ़ आधार के जिस बिंदु (O) से लोलक को लटकाया जाता है उसे निलंबन-बिंदु (point of suspension) कहते हैं। लोलक के निलंबन – बिंदु से गोलक के गुरुत्व-केंद्र (centre of gravity) G तक की दूरी को लोलक की प्रभावी लंबाई ( effective length) कहते हैं और इसे l से सूचित किया जाता है।
गोलक को अपनी माध्य स्थिति (mean position) से थोड़ा-सा एक ओर ले जाकर छोड़ देने पर वह अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर दोलन करने लगता है। माध्य स्थिति के प्रत्येक ओर गोलक के अधिकतम विस्थापन (maximum displacement) को लोलक का आयाम (amplitude) कहते हैं। माध्य स्थिति के दोनों ओर दोलन करता हुआ लोलक जब किसी भी बिंदु से चलने के बाद पुनः उसी बिंदु से उसी दिशा में गुजरने लगता है तो यह लोलक का एक पूर्ण दोलन (complete oscillation) होता है। एक पूर्ण दोलन में लगे समय को लोलक का आवर्तकाल (time period) कहते हैं।
सरल लोलक के नियम (Laws of Simple Pendulum):
सरल लोलक के निम्नलिखित चार नियम हैं –
समकाल का नियम (Law of isochronism) –
किसी निश्चित लंबाई के लिए सरल लोलक के कम आयाम (amplitude) के लिए आवर्तकाल (time period) हमेशा समान रहता है। अर्थात, कम आयाम के लिए लोलक का आवर्तकाल आयाम पर निर्भर नहीं करता।
लंबाई का नियम (Law of length) –
किसी स्थान पर कम आयाम के लिए सरल लोलक का आवर्त काल उसकी लंबाई के वर्गमूल के समानुपाती होता है। अर्थात,
T∝ √l, जहाँ T आवर्तकाल तथा l लोलक की लंबाई है।
या T²∝ l नियतांक।
या T² / l= नियतांक।
गुरुत्व का नियम (Law of gravity) —
लंबाई नियत रहने पर सरल लोलक का आवर्तकाल किसी स्थान के गुरुत्वीय त्वरण (acceleration due to gravity) के वर्गमूल का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात,
T² ∝1 / √g जहाँ T आवर्तकाल तथा g गुरुत्वीय त्वरण है।
या T²∝ 1/g
या T²g = नियतांक।
द्रव्यमान का नियम (Law of mass) –
यदि सरल लोलक की लंबाई (l) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के मान नियत हों, तो इसके आवर्तकाल पर गोलक के द्रव्यमान अथवा उसके पदार्थ का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
सेकंडी लोलक (Seconds Pendulum):
यह सरल लोलक जिसका आवर्तकाल 2s होता है, सेकंडी लोलक कहा जाता है।स्पष्टतः सेकंडी लोलक का अर्ध-आवर्तकाल (half-time period) 1 सेकंड होगा। यदि सरल लोलक के आवर्तकाल के सूत्र T = 2π √l/g में T = 2s रखा जाए, तो
2 = 2π√l/g
या L = g/π²
l ∝ g.
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FAQ
Q. सरल लोलक क्या है?
यदि किसी पूर्णत: लचीले (perfectly flexible), लंबे, पतले, भाररहित और अवितान्य (inextensible) धागे से एक भारी कण लटका दिया जाए तथा कण धागे से लटककर उस घर्षणरहित दोलन करे, तो उसे आदर्श लोलक (ideal pendulum) कहते हैं। परंतु, व्यवहार में न तो इस प्रकार का कोई धागा हो सकता है और न ही कोई कण । अतः, आदर्श लोलक के गुणों के निकटतम गुण वाला लोलक सरल लोलक (simple pendulum) कहा जाता है।
Q. सरल लोलक का सूत्र
Conclusion
दोस्तों हमारा Blog….”सरल लोलक क्या है, परिभाषा, गति, नियम, सूत्र, सिद्धांत (Simple Pendulum in hindi)”पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल में आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल रह गया हो, तो आप हमसे Comments द्वारा पूछ सकते हैं.