अनुनाद (Resonance):
जब कंपन करनेवाली किसी वस्तु पर लगाए गए आवर्ती बल की आवृत्ति वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति से भिन्न होती है तो वस्तु छोटे आयाम के प्रणोदित कंपन उत्पन्न करती है। जैसे-जैसे आवर्ती बल की आवृत्ति कंपमान वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति के निकट होती जाती है, दोलन का आयाम वैसे-वैसे बढ़ता जाता है और दोनों आवृत्तियों के बराबर होने पर वस्तु के कंपन का आयाम अधिकतम हो जाता है।
इसी घटना को अनुनाद (resonance) कहा जाता है तथा संगत की आवृत्ति को अनुनादी आवृत्ति। स्पष्टतः, अनुनाद को प्रणोदित कंपन की एक विशेष स्थिति कहा जा सकता है जिसमें कंपमान वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति, आरोपित आवर्ती बल की आवृत्ति के बराबर होती है।
मुक्त कंपन (Free Vibration):
जब कंपन करनेवाली किसी वस्तु को संतुलन की स्थिति से थोड़ा विस्थापित कर छोड़ दिया जाता है तो प्रत्यास्थता (elasticity) अथवा प्रत्यानयन बलों (restoring forces) के कारण वह पुनः अपनी संतुलन- स्थिति में आने लगती है। इस क्रम में निकाय की चाल संतुलन स्थिति पर महत्तम जाती है और वह जड़त्व (inertia) के कारण दूसरी ओर विस्थापित हो जाता है। इस प्रकार निकाय एक निश्चित आवृत्ति के साथ कंपन करने लगता है।
इस प्रकार के कंपन को मुक्त कंपन कहा जाता है तथा इसकी आवृत्ति को स्वाभाविक आवृत्ति (natural frequency) कहा जाता है। आदर्श रूप में, वस्तु का मुक्त कंपन तब तक चलता रहेगा जब तक कि इसे किसी बाह्य बल के प्रभाव (जैसे माध्यम द्वारा घर्षण, श्यानता आदि) से रोक नहीं दिया जाता।
मुक्त कंपन करनेवाली वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति वस्तु के आकार, प्रत्यास्थता, घनत्व आदि गुणों पर निर्भर करती है।
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अवमंदित कंपन (Damped Vibration ):
मुक्त कंपन के विभिन्न उदाहरणों में प्रत्येक गति के विरुद्ध कोई अवमंदन बल (damping force) अवश्य ही कार्य करता है जिसके कारण वस्तु को प्रारंभ में कंपित कराने में दी गई कुल ऊर्जा का धीरे-धीरे ह्रास, अर्थात अवमंदन बल के विरुद्ध निकाय द्वारा संपादित कार्य होता रहता है। इस कारण दोलन का आयाम निरंतर घटता रहता है और अंत में वस्तु का कंपन बंद हो जाता है। इस प्रकार के कंपन को अवमंदित कंपन (damped vibration) कहते हैं।
प्रणोदित कंपन (Forced Vibration):
कंपन करनेवाली वस्तु पर यदि कोई ऐसा बाह्य आवर्त बल (external periodic force) लगाया जाए जिसकी आवृत्ति वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति से भिन्न हो, तो प्रारंभ में वस्तु अपनी स्वाभाविक आवृत्ति से कंपन करने की चेष्टा करती है, किंतु शीघ्र ही वस्तु आरोपित बल की आवृत्ति से स्थिर आयाम के कंपन करने के लिए बाध्य हो जाती है। बाह्य आवर्त बल के प्रभाव में वस्तु द्वारा उत्पन्न इस प्रकार के कंपन को प्रणोदित कंपन (forced vibration) कहा जाता है।
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Conclusion
दोस्तों हमारा Blog….”Resonance का Meaning in Hindi क्या होता है, Resonance का अर्थ (Resonance meaning Hindi)”पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल में आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल रह गया हो, तो आप हमसे Comments द्वारा पूछ सकते हैं.