Moment of inertia in hindi-क्या आप भौतिकी और उससे संबंधित विभिन्न अवधारणाओं के बारे में अधिक जानना चाहते हैं? क्या आपने कभी जड़त्व के क्षण के बारे में सुना है लेकिन यह नहीं जानते कि यह क्या है या इसकी गणना कैसे करें? अगर ऐसा है, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है! यहाँ हम जड़त्व आघूर्ण की अवधारणा, इसके सूत्र, SI मात्रक और जड़त्व आघूर्ण की चर्चा करेंगे।
घूर्णन गति (Rotatory Motion of a Rigid Body):
यदि किसी वस्तु या पिंड पर बाह्य बल लगाने से उसके कणों में एक-दूसरे के सापेक्ष कोई विस्थापन न हो, तो ऐसी वस्तु को दृढ़ वस्तु (rigid body) कहा जाता है।
घूर्णन-गति वह गति है जिसमें दृढ़ वस्तु एक निश्चित अक्ष पर घूमती है। घूर्णन गति में वस्तु के भिन्न-भिन्न भागों की रैखिक गति (linear motion) भिन्न-भिन्न होती है। अक्ष के निकट स्थित कणों का रैखिक वेग कम और अक्ष से दूर स्थित कणों का रैखिक वेग अधिक होता है, परंतु वस्तु के प्रत्येक कण का कोणीय वेग (angular velocity) एकसमान रहता है।
Read More-स्पर्श – कोण किसे कहते है, परिभाषा, शुद्ध जल और काँच के लिए स्पर्श(Angle of Contact in hindi)
जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia in hindi):

यदि कोई वस्तु किसी अक्ष के परितः घूर्णन गति कर रही हो तो वह उसी कोणीय वेग (angular velocity) से घूमती रहेगी जब तक उसपर कोई बाह्य बल-आघूर्ण (torque) न लगाया जाए। वस्तु इस बाह्य बल-आघूर्ण का विरोध करती है और अपनी घूर्णन गति की अवस्था में परिवर्तन का भी विरोध करती है। वस्तु का जड़त्व (inertia) जितना अधिक होता है उसकी घूर्णन गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उतना ही अधिक बल-आघूर्ण लगाना पड़ता है। इसी घूर्णन जड़त्व (rotational inertia) को, अर्थात वस्तु का वह गुण जो उसकी घूर्णन गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है, घूर्णन अक्ष के सापेक्ष वस्तु का जड़त्व-आघूर्ण(Moment of Inertia in hindi)कहा जाता है।
Moment of inertia meaning in Hindi
जड़त्व-आघूर्ण
Read More-पृष्ठ तनाव क्या है, परिभाषा, सिद्धांत, अनुप्रयोग, मात्रक(Surface tension in hindi)
किसी कण का जड़त्व आघूर्ण (Moment of Inertia of a Particle in hindi):
किसी कण का किसी अक्ष के सापेक्ष जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia in hindi)उस कण के द्रव्यमान तथा कण की घूर्णन-अक्ष से लांबिक दूरी के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है। जड़त्व-आघूर्ण को हमेशा किसी घूर्णन-अक्ष के परितः व्यक्त किया जाता है।
जड़त्व-आघूर्ण के मात्रक और विमाएँ (Units and Dimensions of Moment of Inertia in hindi):
जड़त्व-आघूर्ण का SI मात्रक kg m2 होता है तथा इसकी विमाएँ (dimensions) ML2 होती है।
जड़त्व आघूर्ण की गणना (Calculation of Moment of Inertia in hindi):
(a) असंतत वस्तुओं के लिए (For discontinuous bodies) –
वैसी वस्तुएँ जो बिंदुवत द्रव्यमानों (point masses) से मिलकर बनती हैं, उनके जड़त्व – आघूर्ण की गणना निम्नलिखित विधि से की जाती है।
S एक ऐसी वस्तु है जिसमें द्रव्य का असंतत वितरण (discontinuous distribution of matter) है। यदि m1, m2. m3,….. द्रव्यमान वाले कणों की घूर्णन-अक्ष AB से लांबिक दूरियाँ क्रमशः r1, r2, r3, …… हों, तो वस्तु का जड़त्व आघूर्ण इन सब कणों के जड़त्व-आघूर्णों के योग के बराबर होगा। इस प्रकार, वस्तु का जड़त्व आघूर्ण …
I = m1.(r1)²+m2.(r2)²+m3.(r3)²+…………….+m.r²
L =n(Σ)1.mr²
घूर्णन-अक्ष के बदल जाने से r का मान और इस प्रकार l का मान बदल जाता है। इसलिए जड़त्व आघूर्ण हमेशा किसी अक्ष के सापेक्ष लिया जाता है। घूर्णन-अक्ष की स्थिति को बताए बिना किसी वस्तु के जड़त्व आघूर्ण का कोई अर्थ नहीं है।
(b) संतत संरचना की वस्तुओं के लिए (For bodies of continuous structure) –
व्यंजक I = Σmr² वैसी वस्तुओं के जड़त्व आघूर्ण(Moment of Inertia in hindi) के मान ज्ञात करने में उपयोग में लाया जाता है जो असंतत संरचना (discontinuous structure) की होती है। जब संतत संरचना (continuous structure ) वाली किसी दृढ़ वस्तु के जड़त्व आघूर्ण का मान निकालना होता है तब Σ के बदले समाकलन के चिह्न (sign of integration) ∫ का व्यवहार किया जाता है और तब
I = ∫r² dm
जहाँ dm वस्तु का द्रव्यमान अल्पांश (element of mass) है जिसकी अक्ष से लांबिक दूरी r है। समाकलन की सीमाएँ (limits) वस्तु के आकार द्वारा निर्धारित होती हैं जिनके कुछ उदाहरण आगे दिए गए हैं।
Read More-सरल लोलक क्या है, परिभाषा, गति, नियम, सूत्र, सिद्धांत (Simple Pendulum in hindi)
बल आघूर्ण या टॉर्क ( Torque ):
यदि किसी वस्तु पर, जो किसी दिए गए अक्ष के परितः घूम सकती है, कोई बाह्य बल लगाया जाए, तो वह बल उस वस्तु में घूर्णन गति (rotational motion) उत्पन्न करेगा। इस बल के आचूर्ण को बल आघूर्ण या टॉर्क (torque) कहते हैं।
अतः, बल-आघूर्ण = जड़त्व – आघूर्ण x कोणीय त्वरण।
किसी दिए गए अक्ष के परितः किसी वस्तु का जड़त्व आघूर्ण संख्यात्मक रूप से ) उस बल-आघूर्ण (टॉर्क) के बराबर होता है जो उस वस्तु में उस अक्ष के परितः कोणीय त्वरण (unit angular acceleration) उत्पन्न कर दे
समांतर अक्षों का प्रमेय (Theorem of Parallel Axes):
“किसी अक्ष के परितः किसी पिंड के जड़त्व-आघूर्ण का मान पिंड के द्रव्यमान-केंद्र से गुजरनेवाले समांतर अक्ष के परितः पिंड के जड़त्व आघूर्ण और उसके द्रव्यमान तथा दोनों समांतर अक्षों के बीच की दूरी के वर्ग के गुणनफल के योग के बराबर होता है।”
[नोट : यहाँ इस प्रमेय का प्रमाण समतल पटल के लिए दिया जा रहा है, परंतु यथार्थ में यह सभी प्रकार के पिंडों के लिए मान्य है।]
एक समतल में दृढ़ पिंड की व्यापक गति : द्रव्यमान केंद्र की रैखिक गति तथा द्रव्यमान-केंद्र से होकर गुजरनेवाले अक्ष के परितः घूर्णन की मिली-जुली गति (General Motion of a Rigid Body in a Plane : Translational Motion of Centre of Mass and Rotation about the Axis Passing Through the Centre of Mass):
यदि किसी गोलीय पिंड (जैसे रिंग, गोला, डिस्क आदि) को रुक्ष समतल पर गतिशील किया जाए तो इसमें निम्नांकित दो प्रकार की गति उत्पन्न होती है।
(i) इसका द्रव्यमान- केंद्र आगे की ओर बढ़ता है, जिसे स्थानांतरीय या रैखिक गति (translational motion) कहते हैं,
(ii) गोले के केंद्र से गुजरनेवाले क्षैतिज अक्ष के परितः गोलीय पिंड में घूर्णन गति भी उत्पन्न होती है।
इस प्रकार गोले का घूर्णन अक्ष ( axis of rotation) स्थिर नहीं रहता बल्कि इस अक्ष में भी स्थानांतरीय गति उत्पन्न होती है । इस प्रकार की गति को दृढ़ पिंड की व्यापक गति कहते हैं।
लोटनिक गति एवं पूर्ण लोटन की आवश्यक शर्त (Rolling Motion and Condition for Pure Rolling):
जब कोई गोलीय आकृति की वस्तु क्षैतिज समतल पर पूर्ण लोटनिक गति (pure rolling motion) करती है तो वस्तु का समतल के साथ संस्पर्श (contact) मात्र एक बिंदु पर होता है और यह संस्पर्श – बिंदु सतह पर फिसलता नहीं (does not slip), बल्कि सतह के सापेक्ष स्थिर रहता है और स्थितिज घर्षण (static friction) का अनुभव कर सकता है।
किसी दृढ़ पिंड का संतुलन (Equilibrium of a Rigid Body):
किसी पिंड को दृढ़ (rigid) तब कहा जाता है जब इसपर आरोपित किसी भी प्रबलता (strength) के बल के कारण उसकी आकृति (shape) एवं आकार (size) में थोड़ा भी परिवर्तन नहीं हो । दृढ़ पिंड मूलतः आदर्श अभिकल्पना (ideal concept) है। दृढ़ पिंड की व्यापक गति में रैखिक गति (translational motion) तथा घूर्णन गति (rotational motion) दोनों प्रकार की मिलीजुली गति होती है। इनके लिए दो अलग-अलग समीकरण प्रयुक्त होते हैं
रैखिक गति के लिए F(ext) = M.a(cm)
इसी प्रकार घूर्णन गति के लिए बाह्य टॉर्क τ (ext) = Iα
अब यहाँ दृढ़ पिंड के संतुलन के दोनों समीकरणों पर अलग-अलग विचार करेंगे ।
किसी दृढ़ पिंड को संतुलन में होने के लिए निम्नलिखित दो शर्तों (conditions) का मान्य (valid) होना अत्यावश्यक है
(i) जड़त्वीय निर्देश फ्रेम के सापेक्ष दृढ़ पिंड के द्रव्यमान – केंद्र के रैखिक त्वरण (linear acceleration) a(CM) को शून्य होना चाहिए,
(ii) इसी निर्देश फ्रेम में किसी नियत अक्ष (fixed axis) के परितः दृढ़ पिंड का कोणीय त्वरण ( angular acceleration ) α भी शून्य होना चाहिए ।
Read More-सरल आवर्त गति किसे कहते हैं, परिभाषा, विशेषताएँ(Periodic motion in hindi)
FAQ
Q. जड़त्व आघूर्ण किसे कहते हैं?
किसी पिंड के घूमने की दर में परिवर्तन के प्रतिरोध को उस पिंड की जड़त्व आघूर्ण कहा जाता है।
Q. जड़त्व आघूर्ण का एस आई मात्रक क्या है?
आघूर्ण का SI मात्रक kg m2 होता है
Q. जड़त्व आघूर्ण का सूत्र क्या है?
=inertia,
=angular momentum,
=angular velocity.
Q. जड़त्व आघूर्ण के उदाहरण लिखे?
जड़त्व आघूर्ण के उदाहरण है –साइकिल, बैलगाड़ी और रिक्शा पर पहियों।
Conclusion
दोस्तों हमारा Blog….”जड़त्व आघूर्ण किसे कहते हैं, सूत्र, SI मात्रक, जड़त्व आघूर्ण प्रमेय(Moment of inertia in hindi)”पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल में आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल रह गया हो, तो आप हमसे Comments द्वारा पूछ सकते हैं.