Bhautik rashi kya hai-क्या आप भौतिक दुनिया के बारे में उत्सुक हैं? क्या आप इसे परिभाषित करने वाली विभिन्न अवधारणाओं और गुणों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं? तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए एकदम सही है! हम विभिन्न भौतिक राशियों(Physical quantity in hindi), उनकी परिभाषाओं और प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को मापने के लिए उनका उपयोग कैसे किया जाता है, इस पर चर्चा करेंगे।
भौतिक राशियाँ (Physical quantity in hindi)
भौतिक राशियाँ वे हैं जिनके पदों ( terms) में हम भौतिकी के नियमों को व्यक्त करते हैं; जैसेद्रव्यमान, लंबाई, समय, कार्य, बल, ऊर्जा इत्यादि । भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं-
(i) आधारी या मूल राशियाँ (Basic or fundamental quantities) तथा (ii) व्युत्पन्न राशियाँ (Derived quantities)।
आधारी या मूल राशियाँ वे हैं जो स्वतंत्र (independent) मानी जाती हैं; जैसे- द्रव्यमान, लंबाई, समय इत्यादि । वास्तव में आधारी राशियाँ सात (seven) हैं। इन मूल राशियों को हम भौतिक संसार की सात विमाएँ कह सकते हैं।
व्युत्पन्न राशियाँ वे हैं जो आधारी राशियों के पदों में व्यक्त की जाती हैं; जैसे- क्षेत्रफल, वेग, बल, संवेग, कार्य इत्यादि ।
भौतिक राशियाँ और उनके मात्रक(Physical quantity in hindi)
भौतिक राशि | S.I मात्रक | संकेत |
A. लम्बाई (Lenth) | मीटर | m |
b. दर्व्यमाण (Mass) | किलोग्राम | kg |
c. ऊष्मागतिक ताप(Thermodynamics Temp..) | केल्विन | K |
d. विधुत धारा (Electric current) | एम्पेयर | A |
e. ज्योति त्रिवता (Luminous intensity) | कैंडेला | cd |
f. पदार्थ का परिमाण (Amount of Substance) | मोल | mol |
g. समय (Time) | सेकंड | s |
मात्रक (Units in hindi)
किसी भी भौतिक राशि की माप के लिए कुछ मानक मापों की आवश्यकता होती है। इसी मानक (standard) को उस राशि का मात्रक (unit) कहते हैं। ऐसे मानक माप (standard measures) एक निश्चित, आधारभूत (basic), मनमाने ढंग से चुने गए ( arbitrarily chosen) तथा अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त ( internationally accepted) होते हैं।
एक बार मात्रक के बन जाने पर किसी भौतिक राशि(Physical quantity in hindi) की माप अर्थात उसका परिमाण, उसके मात्रक के साथ तुलना (comparison) करके ज्ञात की जाती है। तुलना का अर्थ यह है कि उस भौतिक राशि में मात्रक का परिमाण कितनी बार शामिल है। उदाहरणार्थ, जब हम यह कहते हैं कि किसी कमरे की लंबाई पाँच मीटर है तो इसका अर्थ यह है कि पाँच मीटर-स्केलों को एक रेखा में सिरे से सिरा जोड़कर रखने पर वे कमरे की लंबाई के तुल्य होंगे।
यदि हम कहें कि कमरे की लंबाई पाँच है तो उसकी लंबाई का वास्तविक अनुमान नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि लंबाई मीटर, अथवा फुट में हो सकती है। स्पष्टतः केवल संख्या पाँच कहने से कमरे की लंबाई का बोध नहीं हो पाता। अतः, यह आवश्यक है कि हम 5 के आगे मीटर B लगाकर कमरे की लंबाई 5 मीटर है, ऐसा कहें। इस प्रकार किसी भी भौतिक राशि के पूर्ण विवरण के लिए हमें निम्नलिखित दो बातों का ज्ञान अति आवश्यक हैभौतिक राशि को व्यक्त किया गया है, तथा
(i) एक मात्रक (unit) जिसमें
(ii) एक संख्यांक (numeral),
जो यह बताता है कि दी गई भौतिक राशि में वह मात्रक कितनी बार शामिल है। इस प्रकार, किसी भौतिक राशि x की माप को निम्नलिखित व्यंजक से दिखाया जा सकता है
x = nu,
जहाँ n उस भौतिक राशि की माप का संख्यांक है और u उस राशि का मात्रक है।
मात्रकों की पद्धतियाँ (Systems of Units)
सभी प्रकार की राशियों के लिए मात्रकों, मूल तथा व्युत्पन्न दोनों, के पूर्ण समूह को मात्रकों की पद्धति कहते हैं।
मात्रकों की पद्धतियाँ निम्नलिखित हैं(Bhautik rashi kya hai)
(a) फुट-पाउंड-सेकंड पद्धति (Foot-Pound-Second System) –
इस पद्धति को संक्षेप में fps पद्धति कहते हैं। इस पद्धति में लंबाई का मात्रक फुट, द्रव्यमान का मात्रक पाउंड तथा समय का मात्रक सेकंड होता है। इस पद्धति को ब्रिटिश पद्धति (British System) भी कहते हैं।
(b) सेंटीमीटर-ग्राम-सेकंड पद्धति (Centimetre-Gram-Second System) –
इस पद्धति को संक्षेप में cgs पद्धति कहते हैं। इस पद्धति में लंबाई का मात्रक सेंटीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम तथा समय का मात्रक सेकंड होता है। इस पद्धति को मीटरी पद्धति (Metric System) भी कहते हैं।
(c) मीटर-किलोग्राम-सेकंड पद्धति ( Metre-Kilogram-Second System) –
इस पद्धति को संक्षेप में mks पद्धति कहते हैं। इसमें लंबाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम तथा समय का मात्रक सेकंड होता है। मीटर-किलोग्राम-सेकंड-ऐम्पियर पद्धति (Rationalised Metre-Kilogram-Second – Ampere System) जिसे संक्षेप में rmksa पद्धति कहते हैं, का उपयोग किया जाता है।
(d) SI मात्रक (SI Units) –
1960 में तौल एवं माप के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (International Committee on Weights and Measures) ने मात्रकों की अंतरराष्ट्रीय पद्धति (System International d’Unites, संक्षेप में SI Units) के उपयोग की सिफारिश की। इसमें छह आधारी मात्रक (basic units) तथा दो संपूरक मात्रक (supplementary units) होते हैं। इस पद्धति के मात्रक SI मात्रक कहे जाते हैं। 1970 में सातवाँ आधारी मात्रक ‘मोल’ जोड़ा गया।
SI मात्रक : एक संसक्त पद्धति (SI units: a coherent system)
-उन सभी आधारी मात्रकों (basic units) के एक सेट (set) को जिनके द्वारा सभी व्युत्पन्न मात्रक साधारण गुणा या भाग द्वारा प्राप्त हो जाते है— संसक्त पद्धति (coherent system) कहा जाता है। SI मात्रक, मात्रकों की एक संसक्त पद्धति है।
मात्रकों की cgs पद्धति संसक्त पद्धति नहीं है।
आधारी तथा व्युत्पन्न मात्रक (Basic and Derived Units)
वह मात्रक जो किसी अन्य मात्रक पर निर्भर नहीं करता, उसे आधारी (basic) या मूल (fundamental) मात्रक कहते हैं। ये मात्रक एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।
द्रव्यमान (mass), लंबाई (length) तथा समय (time) आदि सात मूल भौतिक राशियाँ(Physical quantity in hindi) हैं। इन राशियों के मात्रक को आधारी मात्रक (basic units) या मूल मात्रक (fundamental units) कहते हैं। अन्य सभी मात्रक जो इन आधारी मात्रकों के पद (term) में व्यक्त किए गए हैं, व्युत्पन्न मात्रक (derived units) कहे जाते हैं। अतः उस मात्रक को जो आधारी मात्रकों पर निर्भर करता है, अर्थात जिसे आधारी मात्रकों के पद में व्यक्त किया जा सके, व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं। व्युत्पन्न मात्रकों में एक या एक से अधिक आधारी मात्रकों के भिन्न-भिन्न घात (powers) हो सकते हैं। उदाहरणार्थ, क्षेत्रफल मापने के लिए वर्गमीटर मात्रक का व्यवहार किया जाता है।
यह मात्रक उस वर्ग का क्षेत्रफल है जिसकी प्रत्येक भुजा एक मीटर है। इसी प्रकार आयतन मापने के लिए घन मीटर मात्रक का व्यवहार किया जाता है। यह मात्रक उस घन का आयतन है, जिसकी प्रत्येक भुजा एक मीटर है। वर्ग मीटर तथा घन मीटर आदि मात्रक आधारी (मूल) मात्रक अर्थात ‘मीटर’ पर निर्भर करते हैं, अतः ये व्युत्पन्न मात्रक कहे जाते हैं। इसी प्रकार वेग, त्वरण, बल, कार्य आदि के मात्रक व्युत्पन्न मात्रक हैं।
FAQ
भौतिक मात्रक क्या है?
भौतिक राशियाँ वे हैं जिनके पदों ( terms) में हम भौतिकी के नियमों को व्यक्त करते हैं
मूल राशि किसे कहते हैं?
भौतिक राशियाँ जो किसी अन्य राशि पर निर्भर नहीं होती हैं और स्वतंत्र होती हैं, मौलिक राशियाँ कहलाती हैं।
7 मूल राशियां कौन कौन सी है?
7 मूल मात्रक इस प्रकार हैं- मीटर, किलोग्राम, सेकण्ड, ऐम्पियर, केल्विन, कैंडेला, मोल
भौतिक राशियाँ कितनी होती है?
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं: 1. मूल राशियाँ और 2. व्युत्पन्न राशियाँ।
Conclusion
दोस्तों हमारा Blog….”भौतिक राशियाँ (Physical Quantities) क्या है, मात्रक (Units), मात्रकों की पद्धतियाँ(hautik rashi kya hai “पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल में आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल रह गया हो, तो आप हमसे Comments द्वारा पूछ सकते हैं.